शनिवार, 26 मई 2012

शोषण


          शोषण 
 कुछ दिनों पहले क़ि बात है, मेरी महरी सरस्वती  बहुत खुश थी क्यूँ की उसके साथ उसकी बेटी,मनीषा  आई हुई थी काम करने.लगभग ६ महीने पहले ही उसने किसी मनपसन्द लड़के से भाग कर शादी की थी.उसके चले जाने से मेरी महरी के काम करने के घर आधे हो गये थे,जाहिर सी बात थी महरी बिलकुल खुश नही थी अपनी बेटी की शादी से.सरस्वती बोल रही थी बड़ा ही बुरा ससुराल है मनीषा का,चार चार ननदें है पर सारा काम इसे ही करना पड़ता है.....बहुत शोषण करतीं हैं मेरी बच्ची का.अब नही भेजूंगी इसे ससुराल.
   अब सुबह शाम मनीषा काम पर पहले की तरह आने लगी.१-२ दिनों में ही सरस्वती ने ३ घर और पकड़ लिए थे,अब बेटी जो आ गयी थी.मैं सोच में पड़ गयी क़ि कौन शोषण कर रहा है......

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें