शुक्रवार, 25 जुलाई 2014

२६ तारीख

२६ तारीख
मैं यहां किसी अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं दे रही हूँ। बस ये एक संयोग है की विभिन्न महीनो व अलग अलग वर्ष में २६ तारिख को कुछ  अनहोनी  मनहूस सी विशेष घटनाएं घटी हैं।   ये सिर्फ १० सालों का ब्यौरा है।
१-याद कीजिए 26 जनवरी 2001 की वह सुबह। जब सारा देश गणतंत्र दिवस की सुनहरी भोर में तिरंगा फहराने की तैयारी कर रहा था। और काँप उठी थी धरती। गुजरात के विनाशकारी भूकंप ने हजारों की संख्या में जनता की बलि ले ली। कितने ही मासूम होश में आने से पहले, बिना किसी दोष के, समा गए धरती की गोद में। उस दिन की भयानक याद आज भी डरा जाती है।
२-इतिहास में 26 फरवरी 2002 की दिनांक भी एक काले दिन के रूप में दर्ज है। गोधरा कांड की लपलपाती लपटों में ‍‍कितने ही दिल झुलस गए। बार-बार बदलते बयानों के तमाशों के बीच गोधरा ट्रेन की राख में सच दब कर रह गया।
३-26 अगस्त 2003 में नासिक के कुंभ मेले में सैकड़ों लोग मारे गए।
४-26 दिसंबर 2004 में उमड़ी सूनामी का कहर सिहरा देता है। हत्यारी लहर ने हजारों मानवों को निगल लिया। विकास का दावा करने वाला प्रगतिशील इंसान स्तब्ध सा खड़ा रह गया।
५-26 जून 2004 में गुजरात में आई भीषण बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया।
६-26 जुलाई 2005 में मुंबई की असंयमित बाढ़ आँसूओं का सैलाब लेकर आई। इस बाढ़ ने मुंबई के घर-घर में बेबसी की छाप छोड़ी।
७-26 मई 2007 में गोवाहाटी में हुए ब्लास्ट ने सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
८-26 जुलाई 2008 के अहमदाबाद ब्लास्ट ने प्रशासन की नींद उड़ा दी।
९  -6/11 मुंबई हमले में सैकड़ों लोगों की नृशंस हत्या ने हर भारतवासी को छलनी कर दिया। देश के कर्मठ सिपाही, पुलिस अधिकारी खिलौनों की तरह हमारे सामने नष्ट कर दिए गए।
अंधविश्वास की बात ना करें तब भी सावधानी के संकेत तो देती ही है 26 तारीख। काश, कोई 26 शुभता लेकर आए गणतंत्र दिवस की तरह।

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